प्रचिती इंटरनॅशनल स्कूल में गुरू पौर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर वहाँ उपस्थित प्रधानाचार्या सौ . भारती पंजाबी मॅम, सौ .वैशाली लाडे मॅम , व्यवस्थापक श्री. वैभव सोनवणे सर एवं श्री. तुषार देवरे सर ने महर्षी वेद व्यास जी का एवम ज्ञान की देवता सरस्वती माता के प्रतिमा का पूजन किया। इस अवसर पर स्कूल की अध्यापिका सौ. सपना देवरे मॅम ने गुरु के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि माता- पिता हमारे पहले गुरु हैं तथा दुसरे गुरु हमारे अध्यापक होते हैl जीवन में हमने जिससे भी कुछ सीखा है हर वो व्यक्ती हमारे लिए गुरु है। आषाढ शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को गुरुपौर्णिमा के रूप में पुरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है ।इस अवसर पर नववी कक्षा की छात्रा प्रेक्षा पवार ने शिक्षकों को समर्पित शिक्षक की गोद में उत्थान पलता है यह यह कविता गा कर सुनाई । आठवी कक्षा की छात्रा राजलक्ष्मी भामरे ने गुरु के महत्व के बारे में जानकारी दी।स्कूल के अध्यापक रामोले सरने गुरु के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि महर्षी वेद व्यास प्रथम विद्वान थे जिन्होंने सनातन धर्म हिंदू धर्म के चारो वेदों की रचना की थी और प्रसिद्ध काव्य महाभारत की रचना की थी l इसी दिन उनके सन्मान में ही आषाढ मास की पूर्णिमा को गुरुपौर्णिमा के रूप में मनाया जाता हैl ऐसे विचार प्रस्तुत किये lप्राचार्या वैशाली लाडे मॅम ने गुरु का जीवन में श्रेष्ठ महत्व है ,गुरु। ही हे जो मनुष्य को अपने लक्ष्य तक पहुंचाता है उसे जीवन में सफलता प्रदान करने हेतू मार्गदर्शन करता है, हमारे ग्रंथो में गुरू को ईश्वर से भी ऊंचा स्थान दिया गया है क्योंकि गुरुही ईश्वर से मिलाने का रास्ता दिखाता हैl ऐसे विचार प्रस्तुत किये l इस कार्यक्रम का संयोजन वैशाली खैरनार मॅमने किया l सभी छात्रो ने शिक्षकों को गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाये दी।